1. सहयोगी देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी वृंद एवं शोधकर्ता
2. विधि व्यवसायि, नीति-निर्माता, परियोजना प्रबंधक, सरकारी कर्मचारी एवं पर्यावरणीय विषयों के लेखा परीक्षक
3. पर्यावरण-विज्ञान सामाजिक-वैज्ञानिक-पर्यावरणीय अध्ययन, नैसर्गिक विज्ञान या पर्यावरण अभियांत्रिकी या समाज-विज्ञान अथवा विधि में उपयुक्त विषय में महाविद्यालय से स्नातक
4. राष्ट्रीय एवं स्थानीय नेतृत्व, पर्यावरण-विधि एवं नीतियों जैसे प्रबुद्ध मंडल गैर सरकारी क्षेत्र निगम संस्थाएं नागरिक समाज समूह एवं समस्त समाज हित धारकI
1.सहयोगी देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी वृंद एवं शोधकर्ता
शैक्षिक, अध्यापन एवं सहयोगी कर्मचारी गणों को वैश्विक जलवायु परिवर्तन नीति एवं विधि के विषय तथा क्रियाविधि में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा I
संकाय कर्मचारियों शिक्षाविद व्याख्याता और शोधकर्ता को ऑनलाइन माध्यम से क्षमता निर्माण प्रशिक्षण दिया जाएगा जो आईसीटी आधारित होगा जिसमें यूरोपीय संघ-HEI में लागू खुली एवं लचीली शिक्षा का उपयोग होगा I
2.विधि व्यवसायि, नीति–निर्माता, परियोजना प्रबंधक, सरकारी कर्मचारी एवं पर्यावरणीय विषयों के लेखा परीक्षक
उनके द्वारा एक बहु-विशेष शैक्षिक कार्यक्रम के माध्यम से नीति विश्लेषणात्मक क्षमता का निर्माण किया जाएगा जो स्नातकोत्तर डिप्लोमा के स्तर पर या वैकल्पिक रूप से प्रत्येक भागीदार HEI अंतिम निर्णय के आधार पर विधि स्नातकोत्तर के रूप में पेश किया जाएगा I उन्हें जलवायु परिवर्तन कानून और नीतियों पर उनके ज्ञान के आधार पर नीति निर्माण निर्णय लेने और नवाचार का मार्गदर्शन करने के लिए निर्देशित एवं उच्च रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा I
3.पर्यावरण–विज्ञान सामाजिक–वैज्ञानिक–पर्यावरणीय अध्ययन, नैसर्गिक विज्ञान या पर्यावरण अभियांत्रिकी या समाज–विज्ञान अथवा विधि में उपयुक्त किसी विषय में किसी महाविद्यालय से स्नातक
शैक्षिक कार्यक्रम के स्नातकों का जलवायु परिवर्तन एवं नीति निर्माण से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिचय करवाया जाएगा साथ ही अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण नीति एवं जलवायु परिवर्तन विधि के संचालन में जागरूकता को प्रोत्साहित किया जाएगा I
4.राष्ट्रीय एवं स्थानीय नेतृत्व, पर्यावरण–विधि एवं नीतियों जैसे प्रबुद्ध मंडल गैर सरकारी क्षेत्र निगम संस्थाएं नागरिक समाज समूह एवं समाज पर समस्त प्रासंगिक हित धारक समाज के समस्त प्रासंगिक हितधारक
स्थानीय एवं केंद्रीय सरकार को जलवायु परिवर्तन नीतियों के निर्माण में सक्रिय रूप से भागीदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे INDC का समर्थन हो एवं पुरानी नीतियों में सुधार हो सके I